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दिल खोल कर हँसना -



५ साल पहले हम दोस्तों के साथ पहाड़ों में एक हॉलिडे होम में थे। हमने 90 के दशक की फिल्म देखने का फैसला किया। फिल्म शुरू हुई और हमारी हंसी छूट गई। हम अपने सोफे से गिरते रहे क्योंकि हम अपनी हंसी को नियंत्रित नहीं कर सकते थे। आंखों से आंसू छलकते रहे और हमारी हंसी जोर-जोर से और तेज होती चली गई। यह एक तरह की ड्रामा फिल्म थी जिसे हमने कॉमेडी में बदल दिया।


एक और घटना जो मुझे याद है वह एक शादी के बारे में है । यह 3 दिन का कार्यक्रम था। शादी सबसे बेहतरीन में से एक थी लेकिन हमारे लिए परिस्थितियां मजेदार होती गईं। शिकायत करने या बुरा लगाने के बजाय, मैं ऐसी स्थिति में केवल हंसी-मजाक कर सकती थी - किसी पर नहीं, बल्कि परिस्थितियों पर। 3 दिन के अंत में क्या हुआ - इतनी परेशानी के बावजूद वह शादी सबसे यादगार में से एक बन गई। आज भी हम उन पलों को याद करके अपनी हंसी नहीं रोक पाते है।


एक बार मेरे एक करीबी रिश्तेदार ने मुझे थिएटर में जोर से हंसने के लिए ना कहा क्योंकि उस व्यक्ति के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह हंसना अच्छा नहीं लगता। जोर से हंसने के लिए मुझे असंख्य बार आंका गया और अनगिनत बार हँसना रोकने के लिए कहा गया। लेकिन, जिन्होंने दिल खोलकर हंसा है, वे केवल इस भावना को समाज सकते है, वे ही केवल इस शक्ति को महसूस कर सकते है।

हम हंसने से बचते हैं, भले ही हमारा दिल ज़ोर जोर से हँसना चाहता हो क्यूँकि हम इस डर से चुप हो जाते है की - लोग क्या सोचेंगे? हमें वर्षों से सिखाया गया है कि किसी को जोर से नहीं हंसना चाहिए क्योंकि यह अच्छा नहीं लगता है। यह बात अपने आप में एक बड़ी हंसी का पात्र है - क्या आपको ऐसा नहीं लगता?


जीवन में कितनी बार हम दुनियादारी के कारणों से दिल खोलकर हंसने से चूक जाते हैं?

हंसी एक प्राकृतिक घटना है और इसे स्वाभाविक रूप से बहने देना चाहिए। हंसी की कभी योजना नहीं बनाई जा सकती।

दिल खोल कर हँसो - यह सबसे अच्छी चिकित्सा है। यह आपको इस तरह से ठीक करता है कि कोई भी दवा कभी भी आप को ठीक नहीं कर सकती है।


हमारे जीवन में बहुत ही चुनिंदा क्षण होते हैं जहां हमने अपने दिलों को खोलकर हसते है। उन लम्हों को यूं ही न बीतने दें इस डर में की 'लोग क्या सोचेंगे'।

अपने चारों ओर देखें और आपको जोर से हंसने के कई कारण मिल जाएंगे।


हंसी से भरा जीवन जिए।


ख़ास सूचना : यहां हम किसी पर हंसने की बात नहीं कर रहे हैं। हम केवल प्राकृतिक हँसी की बात कर रहे हैं जो निर्दोष जीवन स्थितियों से निकलती है

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